झारखण्ड एक ऐसा प्रदेश जो अपने अंदर बहुत सी खूबियों को समेटे हुए है। झारखण्ड में मनमोहक दृश्यों की कमी नहीं है। इसलिए तो बहुत से लोग हमारे झारखण्ड को दूसरा कश्मीर कहते है। आज मै आप दोस्तों को लोध वाटर फाल्स के बारे में बताउगा।
लोध वॉटर फॉल एक ऐसा फॉल जिसके बारे में काम ही लोगो को पता होगा। ये फॉल जंगलो के बीच लातेहार में है। इस फॉल को बूढ़ा फॉल से भी जाना जाता है। लोध फॉल झारखण्ड का सबसे ऊँचा वाटर फॉल है। और पुरे देश में 21 सबसे ऊँचे वॉटरफॉल में इसकी गिनती होती है। इसकी ऊंचाई 143 मीटर है। ये फॉल बूढ़ा नदी से निकलती है।
जंगलों के भीतर स्थित लोध वाटर फॉल झारखंड का सबसे ऊँचा वॉटरफॉल है। झारखंड में यूँ तो कई वॉटरफॉल हैं पर इनमें से ज्यादातर राँची के आस पास ही हैं। हुँडरु, दशम, जोन्हा, सीता और हिरणी राँची से साठ किमी के अंदर ही आते हैं। आज भी राँची से दौ सौ किमी दूर स्थित ये निर्झर झारखंड और खासकर राँची के लोगों के लिए इक अबूझ पहेली ही है क्यूँकि उस इलाके के साथ नक्सली गतिविधियों का जो पुराना इतिहास रहा है वो अभी मिट नहीं सका है। हालत ये है कि आज भी नेतरहाट और उसके आस पास के इलाकों में जितने लोग पहुँचते हैं उनमें अधिकांश बंगाल से होते हैं। इस वॉटरफॉल के झरनो की आवाज 10 किलोमीटर दूर से ही आने लगती है।
ये फॉल इतना खूबसूरत है की अगर लोग यहाँ आने के बाद यहाँ की मनोहारी दृस्य में खो जाते है। इसके आस पास का सुन्दर नज़ारा लोगो को अपनी ओर लुभाता है। अगर पोस्ट अच्छा लगे तो कमेंट करे।